Sunday, 16 May 2021

उलझन

सीधी एक बात है

लगती टेढ़ी सी है मुझे ।

दीखता है कुछ 

होता कुछ और है ।

अनकही है कुछ 

दिल सुनता कुछ और है ।

कैसे समझाऊ जिससे में खुद नासमझ हूँ ।

जानलो अब इस बात को

जिससे में खुद अनजान हूँ ।

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